ऐसा क्यों ..
ऐसा क्यों
स्वागत है आप सभी का आज के ब्लॉग में जिसका नाम है ऐसा क्यों। बिल्कुल सही शीर्षक है आज का, हम हमेशा दुसरो से पूंछते है ऐसा क्यों आज खुद से ऐसा क्यों पूंछ कर देखते है शायद हमारे सवालों के जवाब मिल जाए। हमे अपना देश बाहर के देश जैसा साफ़ सुथरा चाहिए लकिन हम रख नहीं पाते ऐसा क्यों ? दूसरे सरकारी कर्मचारियों को बोलते है की वो रिश्वत ले रहा लकिन खुद के काम के लिए रिश्वत देते है ऐसा क्यों? बच्चो को सिखाते है गाली देना बुरी बात, झूठ बोलना बुरी बात लेकिन वो सारे काम हम करते है ऐसा क्यों? हमारी बहिन बेटियों से कोई बत्तमीज़ी करे तो बर्दाश्त नहीं और वो गलत होता है, लेकिन अगर वही काम हम करे तो सही ऐसा क्यों?
ऐसे न जाने कितने सवाल है जो हम खुद से कर सकते है लेकिन करते नहीं है क्युकी हिम्मत ही नहीं होती। क्युकी पता होता है न गलती हमारी होगी और ये तो हम सब को पता है इस दुनिया में किसी को भी अपनी गलती गलती नहीं लगती। हममें से कोई भी बिलकुल परफेक्ट नहीं होता ये बात भी सबको पता है। क्या हम सच में अपने आपको एक बेहतर इंसान नहीं बना सकते? हमे सही क्या है गलत क्या है इसकी परख है लेकिन सिर्फ छणिक सुख के लिए हम उसे नज़रअंदाज़ कर देते है। अगर हमे सिर्फ अपने छणिक सुख के लिए चीज़े नज़रअंदाज़ न की होती तो हमारी हालत कई गुना अच्छी होती। आज हमारा देश जितनी तेज़ी से आगे बढ़ रहा उससे कई गुना और तेज़ी से आगे बढ़ता।
आज कल सभी सिर्फ पैसे के लिए जीते है और उनके अंदर एक शैतान दिखता जिसे सिर्फ पैसे से मतलब है वो पैसा कैसे भी आये उससे मतलब है। इंसानियत की तो बात करना ही बेकार है। गवर्नमेंट बच्चो की पढाई के लिए फंड्स देती है लकिन वो बच्चो तक पहुंचता ही नहीं न जाने कहाँ चला जाता है इतनी भी शर्म नहीं लोगो में की बच्चो की पढाई का पैसा भी हड़प जाते है खैर ये तो बहुत कम है यह तो ऐसे भी लोग है जो गाय भैस के चारे तक में घोटाला कर जाते है। पैसा कमाइए और कामना भी चाहिए लकिन गलत तरीके से नहीं।
दुसरो से और दुसरो पर ऊँगली उठाने से पहले खुद से कुछ सवाल कर लेना अच्छा होता है।
"लोग क्या सोचते है ये आपके लिए फर्क नही पड़ता, लेकिन आप अपने लिए क्या सोचते है ये आपके पूरे जीवन पर फर्क डालता है।"
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